Sunday 28 January 2018

तीन दिवसीय युवा अहिंसा एवं मानवाधिकार प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ

संकल्प लेने के बाद पलट कर नहीं देखना चाहिये - देशमुख (एसपी)

लाडनूँ, 27 जनवरी, 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग के तत्वावधान में तीन दिवसीय युवा अहिंसा एवं मानवाधिकार प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ यहां महाप्रज्ञ-महाश्रमण आॅडिटोरियम में समारोह पूर्वक किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने कहा कि हिंसा के पीछे काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार के पांच दोष होते हैं। इन दोषों से परे कोई अपराध नहीं होता। जो व्यक्ति इन दोषों का शिकार होता है, उसके दिमाग में ही क्राईम का आईडिया आता है। समाज में अगर पूर्ण अहिंसा का माहौल देखना चाहते हैं तो हिंसा के जनक इन दोषों पर विजय पाना आवश्यक है। उन्होंने इस अवसर पर शिविरार्थी विद्यार्थियों से अपने जीवन में शिक्षा से लेकर कॅरियर बनाने की पूरी यात्रा वर्णित की। उन्होंने कहा कि विषमताओं को लेकर अपने कर्तव्य से पीछा छुड़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिये। एक बार जो संकल्प कर लें, तो पीछे पलटकर नहीं देखना चाहिये। अपनी गलतियों को समझने के बाद उनमें सुधार करना चाहिये। कभी यह मुश्किल है, इस प्रकार की सोच नहीं रखें। यह सोच बदलेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। एसपी ने छात्राओं से कहा कि वे दबें नहीं, डरें नहीं और बोलें जरूर, क्योंकि जो अन्याय के खिलाफ बोलता नहीं और उसे सहन करता है, वह एक प्रकार से अन्याय का सहयोगी होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने अपने सम्बोधन में देश, समाज व अपने प्रति कर्तव्यों को निभाने की आवश्यकता बताई तथा कहा कि ध्यान व योग से स्वभाव में बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय में पढने वाली एक क्रोधी स्वभाव की छात्रा के बारे में बताया कि उसने ध्यान व योग के बल पर अपने स्वभाव को बदला और क्रोध को त्याग दिया। प्रो. दूगड़ ने दुविधा की स्थिति को प्रगति के लिये बाधक बताया तथा कहा कि दुविधा को टालेंगे तो अपनी पूरी शक्ति एक तरफ लगाकर सफल हुआ जा सकता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बोधगया विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. नलिन शास्त्री ने अहिंसा, शांति की संस्कृति एवं मानवाधिकारों के सम्बंध में युवाओं के प्रशिक्षण को मानवीय मूल्यों में सहायक बताया तथा कहा कि इससे भयमुक्तता व स्वतंत्रता के साथ शांति, मैत्री व सम्मान की भावनाएँ उत्पन्न होंगी। उन्होंने पुलिस व मानवाधिकारों का जिक्र करते हुये कहा कि आमतौर पर पुलिस पर मानवाधिकारों के हनन के आरोप लगते हैं, लेकिन अगर पुलिस के कर्तव्यों व उनके मानवाधिकारों की बात करें तो पता चलेगा कि पुलिस ही मानवाधिकारों की रक्षक है।
कार्यक्रम में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने दंड विधान के बजाये सुधारवादी सिद्धांत को उचित बताया तथा कहा कि इस विश्वविद्यालय में दिये जाने वाले अहिंसा प्रशिक्षण एवं प्रेक्षाध्यान के प्रयोगों से विद्यार्थियों में परिवर्तन आया है, यहां तक कि कसाई का व्यवसाय करने वाले पिता का पुत्र यहाँ रहकर अपने काम से विमुख हो चुका। हजारों विद्यार्थियों के विचारों को यहाँ दिये जाने वाले प्रशिक्षण ने बदला है। प्रो. अनिल धर ने इस दिवसीय शिविर को अहिंसा व शांति का बीजारोपण करने वाला बताया तथा सह-अस्तित्व को आवश्यक बताते हुये कहा कि यह सच्चाई है कि जीवन अन्ततः प्रेम व अहिंसा से ही चलेगा। कार्यक्रम में राजस्थान पुलिस सेवा की अधिकारी नमिता खोखर भी विशिष्ठ अतिथि के रूप में मंचस्थ थीं। अतिथियों का स्वागत डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, डाॅ. प्रगति भटनागर आदि ने किया। अंत में अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने आभार ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। शिविर में अहिंसा एवं मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर अलग-अलग तकनीकी सत्रों में प्रशिक्षणार्थियों को व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक ज्ञान विषय-विशेषज्ञों द्वारा दिया जायेगा।

Thursday 18 January 2018


शिक्षा विभाग के तत्वावधान में एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण आयोजित



          जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग के तत्त्वावधान में एक दिवसीय ऐतिहासिक भ्रमण का आयोजन किया गया, जिसमें लाडनूं शहर के जैन मन्दिरों का भ्रमण शिक्षा विभाग के छात्राध्यापिकाओं एवं संकाय सदस्यों द्वारा किया गया। इस भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्राचीन धरोहर से रूबरू करवाना है। ये ऐतिहासिक मन्दिर भूगर्भ से प्राप्त 1100 वर्ष से भी प्राचीन जैन मंदिर सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मंदिर में भूगर्भ से मूर्तियां, स्तम्भ, आलेख, अवशेष आदि पुरातात्विक प्रमाण है। इसमें तलगृह है जो कि बड़ा ही आकर्षक है। इसमें सरस्वती प्रतिमा है जो कि बड़ी ही सुन्दर है। इस मंदिर की नक्कासी अति सूक्ष्म एवं कलात्मक है। लाडनूं के सभी जैन मंदिरों का भ्रमण सूक्ष्म एवं कलात्मक है।
         मंदिरों की ऐतिहासिक पृष्ठभमि से छात्राध्यापिकाओं को अवगत कराया गया। इस भ्रमण में विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन, डाॅ मनीष भटनागर, डाॅ बी. प्रधान, डाॅ विष्णु कुमार, डाॅ अमिता जैन, डाॅ सरोज राय, डाॅ गिरिराज भोजक, डाॅ आभा सिंह, मुकुल सारस्वत, डाॅ गिरधारीलाल शर्मा एवं छत्राध्यापिकाएं मौजूद रही।


दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में संगोष्ठी का आयोजन


दूरस्थ शिक्षा में गुणवत्ता जरूरी है- प्रो. त्रिपाठी


               दूरस्थ शिक्षा भारत जैसे देश में आज वरदान साबित हो रही है। दूरस्थ शिक्षा में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय और विभिन्न राज्यों के 13 मुक्त विश्वविद्यालय तथा 150 अन्य विश्वविद्यालय एवं संस्थान कार्य कर रहे हैं। जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय एक ऐसा विश्वविद्यालय है जहाँ शिक्षा की द्वैध प्रणाली लागू है। यहाँ नियमित शिक्षा के साथ -साथ दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कई उपयोगी पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। दूरस्थ शिक्षा के कारण यह संस्थान लाडनूं जैसे छोटे से स्थान पर होते हुए भी देश के कोने-कोने के विद्यार्थी यहाँ के उपयोगी पाठ्यक्रमों का लाभ उठा रहे हैं। यहाँ के पाठ्यक्रम जीविकोपयोगी के साथ जीवनोपयोगी भी है। यह विचार जैन विश्वभारती संस्थान के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डाॅ. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने विभाग में आयोजित एक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। प्रो. त्रिपाठी ने आगे यह भी कहा कि सर्व जनसुलभ शिक्षा दूरस्थ शिक्षा अपनी गुणवत्ता के साथ देश में वरदान सिद्ध हो रही है। गुणवत्ता विहीन दूरस्थ शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। स्वतः शिक्षा बोधक प्रणाली में पाठ्यसामग्री दूरस्थ शिक्षा के लिए आवश्यक है। इस प्रकार की पाठ्यसामग्री शिक्षक की कमी को पूरा करती है क्योंकि यह पाठ्यसामग्री स्वतः व्याख्यायित, स्वतः निर्देशित, स्वतः प्रेरित, स्वतः पूरित एवं स्वतः मूल्यांकित होती है। फोन, फैक्स, ई-मेल, वेवसाइट, इण्टरनेट, टेलीकान्फ्रेन्सिग, वीडियो कान्फ्रेन्सिग आदि तकनीकी संसाधन दूरस्थ शिक्षा में गुणवत्ता लाते हैं। अतः गुणवत्तापूर्ण दूरस्थ शिक्षा आज के युग की मांग है।
             इस अवसर पर सहायक निदेशक नुपूर जैन ने दूरस्थ शिक्षा में सूचना तकनीकी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। जे.पी. सिंह ने एम.ए. शिक्षा पाठ्यक्रम की महत्ता को प्रतिपादित किया। इस अवसर पर पंकज भटनागर, अजय पारीक, मंयक जैन, ओम प्रकाश सारण, हिमांशु खिड़िया एवं अंजू जैन ने भी अपने-अपने वक्तव्यों में दूरस्थ शिक्षा की उपादेयता पर प्रकाश डाला।

Sunday 14 January 2018

यूथ फेस्टिवल एवं कैरियर मेला सम्पन्न

यूथ फेस्टिवल एवं कैरियर मेला सम्पन्न

जीवन में सिद्धान्तों के साथ समझौता ना करें। - कुलपति प्रो. बी.एल. शर्मा

     जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं कैरियर काउसिंग सेल द्वारा शनिवार को एकदिवसीय तक युवा महोत्सव एवं कैरियर फेयर आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप पण्डित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, सीकर के कुलपति प्रो. बी.एल. शर्मा रहे, प्रो. शर्मा के स्वागत एवं सम्मान की रश्म अदायगी आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी द्वारा पुष्प-गुच्छ, साॅल एवं संस्थान के प्रतीक चिन्ह भेंट कर की गई। वहीं महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे जैन विश्वभारती संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ का सम्मान अहिसा एवं शांति विभाग के प्रो. अनिल धर द्वारा पुष्प-गुच्छ भेंट कर किया गया। 

     कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. शर्मा ने अपने वक्तव्य में स्वार्थ से ऊपर उठकर सभी को ईमानदारी के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी क्योंकि उनका मानना हैं कि आजकल सर्वत्र जरा जरा सी बातों पर सिद्धान्तों के साथ समझौते होते दिखाई देते हैं। ऐसे विकट हालातों में उन्होंने जैन विश्वभारती संस्थान की कार्यप्रक्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां अहिंसा एवं शांति का पाठय्क्रम स्वयं यहां के नैतिक चरित्र को उजागर करता हैै। कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में बोलते हुए प्रो. बी.आर. दूगड़ ने छात्राओं को स्व प्रेरणा से जीवन को संवारने की सीख दी, वहीं उद्देश्यपरक कर्म में संलग्न रहने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने आगे कहा कि महिलायें स्वयं की शक्ति को पहचानकर ही अपने जीवन के स्वर्णिम लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकती है।




      कार्यक्रम का आगाज संस्थान के मंगल संगान से हुआ। तत्पश्चात अतिथियों के स्वागत में छात्रा ज्योति नागपुरिया एवं समूह द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई। प्रो. अनिलधर द्वारा स्वागत वक्तव्य दिया गया, वहीं अतिथियों का परिचय अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने दिया। कार्यक्रम उदेश्य एवं स्वरूप को प्रो. त्रिपाठी ने साझा करते हुए कहा कि ‘बड़े सपनों के देखने के लिये दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है, जिसके दम पर विद्यार्थी अभावों में सफलता तलासने का उपक्रम कर अपना सर्वांगीण विकास कर सकते है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता जैन विद्या एवं तुलनात्मक धर्म दर्शन की विभागाध्यक्षा प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा ने कहा कि ‘‘जीवन में सर्वांधिक महत्व लक्ष्य प्राप्ति को दिया जाना चाहिए एवं उसकी प्राप्ति हेतु सार्थंक क्रियान्वयन भी आवश्यक है। लक्ष्यहीन जीवन व्यक्ति को व्यक्तित्वविहीन कर देता है।’’  कार्यक्रम के अन्त में आभार ज्ञापन आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय की सहायक आचार्य डाॅ. प्रगति भटनागर द्वारा किया गया एवं सभी आगन्तुक अतिथियों ने युवा महोत्सव एवं कैरियर फेयर की समस्त स्टालों का अवलोकन करते हुए छात्राओं की महनत को सराहा। समस्त कार्यक्रम का संचालन संस्थान के हिन्दी व्याख्याता अभिषेक चारण द्वारा किया गया। 

Friday 12 January 2018

आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में राजस्थान राज्य-अन्र्तमहाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

महारानी सुदर्शना काॅलेज, बीकानेर रही प्रथम
आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में राजस्थान राज्य-अन्र्तमहाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

दिनांक: 12 जनवरी 2018

       आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के आॅडिटोरियम में युवा दिवस पर देवराज मूलचन्द नाहर चैरिटेबल ट्रस्ट, बैंगलोर द्वारा प्रायोजित एवं महाविद्यालय के विवेकानन्द क्लब के तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता जिसका विषय‘‘सदन की राय में सामाचार माध्यमों का मौजूदा रवैया राष्ट्र एकता में बाधक है’’ रहा। जैन विश्वभारती संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ की अध्यक्षता में प्रतियोगिता का आगाज हुआ, जो देर शाम तक चली। प्रतियोगिता कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि देवराज मूलचन्द नाहर चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वयं मूलचन्द नाहर रहे, जिन्होंने आगामी वर्ष में होने वाले सभी महाविद्यालयी कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी देते हुये उनका प्रायोजक बनना सहर्ष स्वीकार किया। वहीं प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक श्रीयुत् श्रीमनलाल मीणा (डीडवाना), नागौर रहे। अतिथियों का परिचय अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने करवाया। स्वागत वक्तव्य एवं कार्यक्रम की रूपरेखा महाविद्यालय के प्राचार्य एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निर्देशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी  ने प्रस्तुत की। प्रतियोगिता में निर्णायक जाने-माने लेखक एवं चिर-परिचित व्यक्तित्व श्री बी.जी. शर्मा (सुजानगढ़), लाडनूं नगर के प्रसिद्ध इतिहासकार श्री भंवरलाल जांगीड तथा युवा लेखक, पत्रकार, कवि एवं विचारक डाॅ. घनश्याम नाथ कच्छावा (सुजानगढ़) रहे। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर महारानी सुदर्शना काॅलेज, बीकानेर की छात्रा विद्या भाटी, द्वितीय स्थान पर आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय ,लाडनूं की छात्रा मेहनाज बानो और तृतीय स्थान पर राजकीय महाविद्यालय, अजमेर के छात्र शिवराज चैधरी रहे। जिन्हें क्रमशः 7100, 6100 और 5100 रूपये की राशि, प्रतीक चिन्ह और प्रमाण-पत्र महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी द्वारा प्रदान किया गया। सांत्वना पुरस्कार भारतीय टी.टी. काॅलेज, जसवंतगढ़ के छात्र यश शर्मा एवं माधव काॅलेज के छात्रा लीला भार्गव ने प्राप्त किया, जिन्हें क्रमशः 1000-1000 रूपये नकद पुरस्कार, प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना के साथ हुई जिसे महाविद्यालय की छा़त्रा सरिता शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया। वहीं स्वागत गीत की प्रस्तुति छात्रा रेणु मुँहणोत द्वारा की गई। प्रतियोगिता का संचालन हिन्दी के सहायक आचार्य एवं प्रतियोगिता संयोजक अभिषेक चारण द्वारा किया गया, जिसमें महाविद्यालय के सभी सहायक आचार्यों की महती भूमिका रही। 



         दिनांक: 13.01.2018 को जैन विश्वभारती परिसर की सुधर्मा सभा में कॅरियर फेयर एवं युवा महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। जिसमें आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के तत्वावधान में शहर के सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सहभागिता रहेगी। 

स्वामी विवेकानंद की १५३ वीं वर्षगांठ मनाई


दिनांक: 12 जनवरी 2018


          जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग के तत्वावधान में स्वामी विवेकानन्द की 153वीं वर्षगांठ का आयोजन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मं मनाया गया। आयोजना में विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने कहा कि हमें जीवन में आत्मविश्वास बनाये रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए, भयभित नहीं होना चाहिए बल्कि भय का सामना करना चाहिए। साहस, शील, ईमानदारी, परिश्रम, कत्र्तव्यनिष्ठा, गरीबों की सेवा आदि गुणों को अपनाकर अच्छे कार्य करते रहना चाहिए। कठिनाईयों से घबराना नहीं चाहिए बल्कि विकट परिस्थिति में भी सामना करते हुए आगे विकसित होना चाहिए वहीं इस अवसर पर डाॅ अमिता जैन ने संयोजन करते हुए कहा कि स्वामीजी के जीवन से हमें शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। स्वामीजी ने ‘‘उठो जागो और तब तक मत रूको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।’’ उनके इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए। युवा हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं उनके प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानन्द भी है। बी.एससी-बी.एड की छात्रा अनुप्रिया ने स्वामी विवेकानन्द की जीवनी पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में डाॅ मनीष भटनागर, डाॅ बी. प्रधान, डाॅ विष्णु कुमार, डाॅ सरोज राय, डाॅ गिरिराज भोजक, डाॅ आभा सिंह, डाॅ गिरधारी लाल शर्मा, डाॅ ममता सोनी एवं मुकेश भी उपस्थित रहे।

9-Jan-2018



अन्तर्महाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

दिनांक: 09 जनवरी, 2018

आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय, जैन विश्वभारती संस्थान के तत्वावधान में 12 जनवरी विवेकानन्द जयन्ती के उपलक्ष में एक राजस्थान राज्य अन्तर्महाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन विवेकानन्द क्लब द्वारा किया जायेगा। इस प्रतियोगिता का विषय ‘‘सदन की राय में समाचार माध्यमों का मौजूदा रवैया राष्ट्रीय एकता में बाधक है’’ रखा गया है। प्रतियोगिता के प्रायोजक देवराज मूलचन्द नाहर, चेरिटेबल ट्रस्ट, बंगलौर है। प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी के अनुसार इस प्रतियोगिता में राजस्थान के सभी महाविद्यालयों को आमंत्रित किया गया है। प्रतियोगिता के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में डीडवाना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमन लाल मीणा शिरकत करेंगे तथा विशिष्ट अतिथि बंगलौर के भामाशाह मूलचन्द नाहर होंगे। वाद-विवाद प्रतियोगिता के संयोजक महाविद्यालय के व्याख्याता अभिषेक चारण और सह-संयोजक सोमवीर सांगवान होंगे।

Monday 8 January 2018

दिनांक 08.01.2018

जैन विश्वभारती संस्थान में यूथ फेस्टिवल 13 जनवरी को

दिनांक 08.01.2018

              जैन विश्वभारती संस्थान में कॅरियर काॅउन्सलिंग सेल एवं आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 13 जनवरी को यूथ फेस्टिवल का आयोजन होगा। कॅरियर काॅउन्सलिंग सेल के समन्वयक डाॅ जुगल किशोर दाधीच ने बताया कि इस यूथ फेस्टिवल मंे मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश प्रकाश टाटिया, कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी के कुलपति प्रोफेसर बी.एल. शर्मा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता जैन विश्वभारती संस्थान के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. दूगड़ करेंगे।


            आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि इस फेस्टिवल में कुल 1200 विद्यार्थी भाग लेंगें एवं विभिन्न स्टालों के द्वारा हाथकरगा एवं रोजगार परक कार्यों का प्रशिक्षण विद्यार्थियों द्वारा दिया जायेगा। कार्यक्रम सुधर्मा सभा, जैन विश्व भारती परिसर में प्रातः 10 बजे से 4 बजे तक होगा।

Wednesday 3 January 2018

ध्येय पथ पर निरन्तर गतिमान रहें-कुलपति प्रो. दुगड़

दिनांक 03.01.2018


             वर्ष 2018 के शुभागमन पर जैन विश्वभारती संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने शैक्षणिक खण्ड के सेमिनार हाॅल में संस्थान के सभी शिक्षकों, अधिकारियों एवं सदस्यों को  नववर्ष की शुभाकामनाओं के साथ संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी संस्थान की श्रेष्ठता एवं सर्वोच्चता तभी प्रतिष्ठापित हो सकती है जब वहां के छोटे से बड़े प्रत्येक सदस्य की सक्रिय भागीदारी हो। उन्होंने गत वर्ष किये गये सभी सदस्यों के योगदान की सराहना करते हुए भविष्य में सभी के प्रयास से संस्थान को नित नई उच्चाईयाँ मिले ऐसा विश्वास व्यक्त किया। वर्ष 2018 में प्रस्तावित कार्ययोजनाओं का जिक्र करते हुए प्रो. दूगड़ ने योगा नेचुरोपैथी हाॅस्पिटल एवं काॅलेज खोलने की संभावना व्यक्त की तथा सभी से अपेक्षा की कि सभी अपने ध्येय पथ पर निरंतर गतिमान रहे। इस अवसर पर दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने संस्थान के विकास में एकजुट होकर लक्ष्य को अर्जित करने पर विशेष बल दिया। कुलसचिव विनोद कुमार कक्कड़ ने नये वर्ष में आत्मविश्वास से आपूरित होकर सभी को कार्य करने के लिए प्रेरित किया। समणी नियोजिका प्रो. ऋजुप्रज्ञा ने कहा कि संस्थान के सदस्यों में विश्वास कूट-कूटकर भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी सदस्य संस्थान के प्रति समर्पित हैं और संस्थान के विकास में संलिप्त है। यह भाव नववर्ष में और विकसित होना चाहिए।




Monday 1 January 2018

New Year 2018

जैन विश्वभारती संस्थान में छाया नववर्ष का उत्साह

दिनांक 01.01.2018






जैन विश्वभारती संस्थान मंे नववर्ष के शुभागमन को महाप्रज्ञ सभागार में उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम संस्थान की सर्वमंगल प्रार्थना के साथ शुरू हुआ। 

कार्यक्रम में अध्यक्ष पद के दायित्व का निर्वहन कर रहे आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रोफेसर आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कार्यक्रम को शिखर तक ले जाते हुए कहा कि आज के दिन को नये वर्ष के प्रथम दिन के साथ ही संस्थान के विद्यार्थी नये सेमेस्टर के प्रथम दिन के रुप में भी देखे। इसी में विद्यार्थियों का हित निहित है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज का दिन आत्मावलोकन व आत्मचिंतन का दिन है, ताकि हम अपने गुजरे अतीत से सबक लेकर अपना भविष्य संवार सके। प्रो. त्रिपाठी ने गत वर्ष संस्थान के सभी सदस्यों द्वारा दिये गये योगदान की सराहना करते हुए सभी के प्रति अनेकानेक शुभकामनायें दी।
 
संस्थापन शाखा के रमेश दान चारण ने देशभक्ति गीत ‘मेरे वतन के जैसा कोई वतन नहीं है’, चांद से भी प्यारा तारों से भी हसीं है।’ की प्रस्तुति देकर समस्त श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम के दौरान चंद छात्र-छात्रा प्रस्तुतियां भी हुई जिनमें विनय जैन द्वारा नववर्ष शुभकामनायें, हेमलता शर्मा, प्रवीणा राठौड, कंचन स्वामी ने कवितायें एवं तांबी दाधीच द्वारा एकल नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इनके ठीक बाद विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव प्रद्युम्न सिंह शेखावत ने विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से संस्थान के सभी कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को शुभकामना संदेश दिया। 

प्राच्यविद्या एवं भाषा विभाग के प्रोफेसर दामोदर शास्त्री ने द्विअर्थीय शब्दावली का प्रयोग करते हुए संपूर्ण कार्यक्रम का क्रियान्वयन विवेक द्वारा होना बताया व इसके लिये एक तरफ संचालन कर रहे डाॅ. विवेक महेश्वरी की तारीफ की वहीं दूसरी ओर इसके लिये समस्त संस्थान परिवार को साधुवाद दिया। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बी.एल. जैन ने अपने विभाग की तरफ से संस्थान परिवार के सभी सदस्यों के प्रति शुभकामनायें देते हुए कहा कि प्रयास और पुरुषार्थ के माध्यम से नववर्ष में हम अपने संकल्प की सिद्धि करते रहे। 

जिसमें शुभकामनाओं के क्रम में समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच, अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. गोविन्द सारस्वत, जैनविद्या एवं जैनेत्तर दर्शन विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. योगेश जैन, आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के हिन्दी व्याख्याता अभिषेक चारण, संस्थान के शैक्षणिक अधिकारी वी.के. शर्मा आदि ने अपने वक्तव्यों से विश्वविद्यालय परिवार को मंगलकामनायें दी।